Bhajan

मंगळवार, १७ ऑक्टोबर, २०२३

ॐ जय जय जगदीश हरे | Om Jay Jay Jagdish Hare |

ॐ जय जय जगदीश हरे

ॐ जय जगदीश हरे,स्वामी जय जगदीश हरे |
भक्त जनो कें संकट क्षण में दूर करे || ॐ ||

जो घ्यावे फल पावे दु:ख विनशे मनका |
सुख संपती घर आवे कष्ट मिटे तनका || ॐ ||

मात पिता तुम मेरे शरण गहू किसकी |
तुम बिन और न दूजा आस करू किसकी || ॐ ||

तुम हो पुरण परमात्मा तुम अंतरयामी |
पार ब्रम्ह परमेश्वर तुम सबके स्वामी || ॐ ||

तुम करुणा कें सागर तुम पालन कर्ता |
मैं मुरख खल कामी कृपा करि भरता || ॐ ||

तुम हो एक अगोचर सबके प्राणपती |
स्वामी किस विधी मिलू दयामय तुमको मैं कुमति || ॐ ||

दिन बंधू दुखहर्ता तुम रक्षक मेरे |
अपने हाथ उठाओ शरण पडा तेरे || ॐ ||

विषय विकार मिटाओ पापा हरे देवा |
श्रद्धा भक्ति बधाओ संतन की देवा || ॐ ||

 Om Jay Jay Jagdish Hare |

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