शुक्रवार, १३ डिसेंबर, २०२४

आल्या पांच गौळणी | Aalya Panch Gaulani

आल्या पांच गौळणी |
पांच रंगाचे शृंगार करूनि ||धृ||

पहिली गौळण रंग सफेत |
जशी चंद्राची ज्योत |
गगनीं चांदणी लखलखीत |
ऐका तिची मात |
मंथन करीत होती दारांत |
धरुनी कृष्णाचा हात |
ऐशा आल्या पांच गौळणी ||२||

दुसरी गौळण भाळीभोळी |
रंग हळदीहुनि पिवळी |
पिवळा पीतांबर नेसुनी आली |
अंगी बुट्टेदार चोळी |
एक लहान तनु उमर कवळी |
जशी चाफ्याची कळी |
ऐशा आल्या पांच गौळणी ||३||
 
तिसरी गौळण रंग काळा |
नेसुनी चंद्रकळा |
काळें काजळ लेऊनि डोळा |
रंग तिचा सांवळा |
काळी गरसोळी लेऊनि गळां |
आली राजस बाळा |
ऐशा आल्या पांच गौळणी ||४||

चौथी गौळण रंग लाल |
लाल लाल ही लाल |
कपाळीं कुंकुम चिरी लाल |
भांगी भरून गुलाल |
मुखीं विडा रंग लाल |
जसें डाळिंबीचें फुल |
ऐशा आल्या पांच गौळणी ||५||

पांचवी गौळण हिरवा रंग |
जसें आरशात जडलें भिंग |
फुगडी खेळतां कृष्णासंग |
एकनाथ अभंग |
ऐशा आल्या पांच गौळणी ||६|| 


कोणत्याही टिप्पण्‍या नाहीत:

टिप्पणी पोस्ट करा