Bhajan

शनिवार, २३ नोव्हेंबर, २०२४

स्वकुततारक सुताः सुवरा Swakul Tarak Sutah Suvara

स्वकुततारक सुताः सुवरा 

वरूनि वाढवी  वंश वनिता ॥

सुखविला नच  जनक, न माता, 

ऐशी कांता नरकरता ॥ 


Swakul Tarak Sutah Suvara

Varuni Vadhavi Vansh Vanita ॥


Sukvila Nach Janak, Na Mata,

Aishi Kanta Narakarata  ॥

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