Bhajan

शनिवार, २३ नोव्हेंबर, २०२४

प्रेमभावें जीव जगि या नटला Prembhave Jiv Jagi Ya Natala

प्रेमभावें जीव जगि या नटला। एकचि रस प्याला ॥

नसती भिन्न रस है, श्रृंगार राजा नवदल  ल्याला  ॥

सकला किरण रंगा दावी इंद्रधनुषीं जननयनाला ॥


Prembhave Jiv Jagi Ya Natala Ekachi Ras Pyala ॥

Nasati Bhinna Ras He, Shrungar Raja Navadal Lyala ॥

Sakala Kiran Ranga Davi Endradhanushi Jananayanala ॥

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