प्रेमभावें जीव जगि या नटला। एकचि रस प्याला ॥
नसती भिन्न रस है, श्रृंगार राजा नवदल ल्याला ॥
सकला किरण रंगा दावी इंद्रधनुषीं जननयनाला ॥
Prembhave Jiv Jagi Ya Natala Ekachi Ras Pyala ॥
Nasati Bhinna Ras He, Shrungar Raja Navadal Lyala ॥
Sakala Kiran Ranga Davi Endradhanushi Jananayanala ॥
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