सरस्वती माता की आरती - Saraswati Mata Ki Aarti
ॐ जय सरस्वती माता, जय जय सरस्वती माता,
सदगुण वैभवशालिनि, त्रिभुवन विख्याता ||
जय जय सरस्वती माता,
ॐ जय सरस्वती माता, जय जय सरस्वती माता ||
चंद्रवदन पदमासिनी कृति मंगलकारी,
सोहे शुभ हंस सवारी, अतुल तेज धारी ||
जय जय सरस्वती माता,
ॐ जय सरस्वती माता, जय जय सरस्वती माता ||
बाएं कर में वीणा, दाएं कर माला,
शीश मुकुटमणि सोहे, गल मोतियन माला ||
जय जय सरस्वती माता,
ॐ जय सरस्वती माता, जय जय सरस्वती माता ||
देवि शरण जो आए, उनका उद्धार किया,
बैठी मंथरा दासी, रावण संहार किया ||
जय जय सरस्वती माता,
ॐ जय सरस्वती माता, जय जय सरस्वती माता ||
विद्यादान प्रदायिनि ज्ञान-प्रकाश भरो,
मोह, अज्ञान की निरखा, जग से नाश करो ||
जय जय सरस्वती माता,
ॐ जय सरस्वती माता, जय जय सरस्वती माता ||
धूप, दीप, फल, मेवा, ओ मां स्वीकार करो,
ज्ञान-चक्षु दे माता, जग निस्तार करो ||
जय जय सरस्वती माता
ॐ जय सरस्वती माता, जय जय सरस्वती माता ||
मां सरस्वती की आरती, जो कोई जन गावै,
हितकारी सुखकारी, ज्ञान भक्ति पावै ||
जय जय सरस्वती माता,
ॐ जय सरस्वती माता, जय जय सरस्वती माता ||
ॐ जय सरस्वती माता, जय जय सरस्वती माता,
सदगुण वैभवशालिनि, त्रिभुवन विख्याता ||
जय जय सरस्वती माता,
ॐ जय सरस्वती माता, जय जय सरस्वती माता ||
भजन साहित्य खजिना - प्रार्थना, भजन, रुपावली, ध्यानाचा अभंग, गजर, अभंग, गौळण, भैरवी, कव्वाली
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शनिवार, २३ मार्च, २०२४
सरस्वती माता की आरती Saraswati Mata Ki Aarti
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