शुक्रवार, ६ ऑक्टोबर, २०२३

गणपतीची आरती - सुखकर्ता दु:खहर्ता वार्ता विघ्नाची | Sukhakarta Dukhharta Varta Vighnachi


श्री गणपतीची आरती

सुखकर्ता दुखहर्ता वार्ता विघ्नाची।
नुरवी पुरवी प्रेम कृपा जयाची॥
सर्वांगी सुंदर उटी शेंदुराची।
कंठी झळके माळ मुक्ताफळांची॥
 

जय देव, जय देव,
जय मंगलमूर्ती,
दर्शनमात्रे मन कामनापु्र्ती 


रत्नखचित फरा तूज गौरीकुमरा।
चंदनाची उटी कुंकुम केशरा।
हिरेजड़ित मुकुट शोभतो बरा।
रुणझुणती नूपुरे चरणी घागरीया॥ 


लंबोदर पीतांबर फणीवर बंधना।
सरळ सोंड वक्रतुण्ड त्रिनयना।
दास रामाचा वाट पाहे सदना।
संकटी पावावें, निर्वाणी रक्षावे, सुरवरवंदना॥ 

Sukhkarta Dukhaharta Varta Vighnachi

कोणत्याही टिप्पण्‍या नाहीत:

टिप्पणी पोस्ट करा