भजन साहित्य खजिना - प्रार्थना, भजन, रुपावली, ध्यानाचा अभंग, गजर, अभंग, गौळण, भैरवी, कव्वाली
राम रामेति रामेति,
रमे रामे मनोरमे ।
सहस्त्रनाम तत्तुल्यं,
रामनाम वरानने ।।
Ram Rameti
Rme Rane Manorame |
Sahatranam Tattulyam,
Ramanam Varanane ||
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